
चीन से जारी तनातनी के बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर है। अत्याधुनिक राफेल विमानों की पहली खेप इसी महीने भारत पहुंचने वाली है। प्राप्त जानकारी के अनुसार फ्रांस से 5 राफेल विमान 29 जुलाई को भारत पहुंचने वाले हैं। इसमें से 2 सिंगल सीटर और 3 ट्विन सीटर विमान होंगे। ये विमान 29 जुलाई को अंबाला एयरबेस पर लैंड करेंगे। बता दें कि राफेल विमानों की डिलिवरी इसी साल की शुरुआत में भारत को मिलनी थी। लेकिन कोरोना संकट के चलते इसमें कुछ महीनों की देरी हो गई है।
सेना के सूत्रों के अनुसार राफेल के स्क्वार्डन का नाम 17 स्क्वार्डन या फिर गोल्डन एरो हो सकता है। इस बीच वायुसेना की एक उच्चस्तरीय बैठक इसी सप्ताह होने जा रही है। इस बैठक में राफेल की तैनाती को लेकर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही चीन सीमा पर Su30 एमकेआई, मिग 29 अपग्रेडेड और मिराज 2000 के साथ राफेल की तैनाती पर भी चर्चा होगी। यहां से दिन और रात दोनों समय सभी तरह के ऑपरेशनों को अंजाम दिया जा सकता है। वहीं चीन से लगी सीमा के पास अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं, जो पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में रात के वक्त भी उड़ान भर रहे हैं।
22 और 23 जुलाई को बैठक
एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के नेतृत्व में 22 और 23 जुलाई को होने वाली भारतीय वायुसेना (IAF) की ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि इस बैठक में पूर्वी लद्दाख में जारी हालात पर आगे की रणनीति और राफेल की तैनाती को लेकर चर्चा की जाएगी। इस कॉन्फ्रेंस में 7 कमांडर इन चीफ शामिल होंगे। इस दौरान चीन के साथ सीमा पर विवाद और पूर्वी लद्दाख में एयरफोर्स की तैनाती को लेकर चर्चा होगी। बताया जा रहा है कि बैठक में राफेल की तैनाती के लिए ऑपरेशनल स्टेशन कहां बनाया जाएगा, इस पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी। बताया जा रहा है कि चर्चा का एक मुख्य एजेंडा चीन के साथ लगती सीमा पर स्थिति और पूर्वी लद्दाख और उत्तरी सीमाओं के अग्रिम ठिकानों पर जवानों की तैनाती का रहेगा।
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