
अयोध्या। भगवान राम से सबसे बड़े भक्त हनुमान जी हैं और कहते हैं कि ‘राम जी चले न हनुमान के बिना’। ऐसे समय में जब अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होने जा रहा है तो कोई हनुमान जी को कैसे भूल सकता है। भगवान राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी का मंदिर हनुमानगढ़ी में स्थित है और वहीं पर मौजूद है 1700 वर्ष पुराना हुमान जी का निशान। मंगलवार सुबह इसी हुमान निशान की पूजा हुई है।
हालांकि हनुमान जी का यह निशान हनुमानगढ़ी से राममंदिर स्थल तक जाएगा या नहीं इसको लेकर अभी संशय बना हुआ है। हनुमानगढ़ी में महंत राजू दास ने इंडिया टीवी को बताया कि उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट से हनुमान जी के निशान को भूमि पूजन के समय शामिल करने की बात कही थी लेकिन प्रधानमंत्री के प्रोटोकॉल के तहत इसको लेकर उम्मीद कम है।
‘हनुमान निशान’ लगभग चार फीट चौड़ा और 8 मीटर लंबा ध्वज है जिसके ऊपर हनुमान जी की आकृति को बहुत सुंदर तरीके से उभारा गया है। यह ध्वज लगभग 1700 वर्ष पुराना है, ध्वज हनुमानगढ़ी में रखा जाता है और इसके साथ एक गदा और त्रिशूल भी होती है जिन्हें करीब 20-22 लोग हनुमानगढ़ी से राममंदिर स्थल तक लेकर जाते हैं लेकिन इस बार कोरोना की वजह से शायद यह संभव न हो सके।
हालांकि हनुमानगढ़ी में हुनमान जी के निशान की पूजा होती है और वह होती रहेगी। भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या जाने वाले लोग पहले हनुमानगढ़ी जाकर हुमान जी और उनके निसान के दर्शन करते हैं। हर शुभ कार्य पर पहले हनुमानगढ़ी में हनुमान जी की पूजा की जाती है।
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