
भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार ने जांच की सुविधाएं बढ़ाने की कोशिशों के तहत प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम और प्रयोगशालाओं को रैपिड एंटीजेन और आरटी-पीसीआर पद्धतियों से कोविड-19 की जांच कराने की अनुमति दे दी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने शनिवार को इस बारे में एक अधिसूचना जारी की है। विभाग ने रैपिड एंटीजेन और आरटी-पीसीआर के तहत नमूनों की जांच के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि निजी स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों को ICMR के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
जानें कितनी होगी अधिकतम फीस
अधिसूचना के मुताबिक, नमूनों के जांच के नतीजे की सूचना व्यक्ति को दिए जाने से पहले राज्य के अधिकारियों को देनी होगी। रैपिड एंटीजेन जांच के लिए निजी संस्थान अधिकतम 450 रुपये का शुल्क ले सकते हैं जबकि आरटी-पीसीआर के लिए 2,200 रुपये का शुल्क तय किया गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि कोरोना वायरस की जांच करने वाले सभी प्राइवेट नर्सिंग होम, अस्पताल और प्रयोगशालाएं अनिवार्य रूप से ओडिशा क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट ऐक्ट, 1990 के तहत रजिस्टर्ड होने चाहिए।
ओडिशा में 33479 लोग संक्रमित
अधिसूचना में कहा गया है, ‘जांच नतीजों की सूचना सबसे पहले राज्य के अधिकारियों को दी जाए और उसके 24 घंटों बाद संबंधित व्यक्ति को सूचित किया जाए।’ बता दें कि ओडिशा में अभी तक 5,28,708 लोगों की कोरोना वायरस के लिए जांच की गई है जिनमें से 33,479 संक्रमित पाए गए हैं। बता दें कि शुरुआत में यह राज्य कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाता दिख रहा था, लेकिन विभिन्न राज्यों से प्रवासियों के आने के बाद स्थिति तेजी से बिगड़नी शुरू हुई और अब हालात काफी खराब हैं।
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