सोहनी गांव में वर्ष 2015-16 में विधायक निधि से खड़ंजा निर्माण कराया गया था। लॉकडाउन के दौरान जुलाई माह में गांव के कुछ लोगों ने खड़ंजा उखाड़ दिया। ग्रामीणों ने शिकायत की तो पुलिस मौके पर पहुंची। ग्राम प्रधान श्यामलाल विश्वकर्मा ने आश्वस्त किया कि वह खड़ंजा फिर से लगवा देंगे। इसके बाद लौटी पुलिस ने खड़ंजा लगने की रिपोर्ट दे दी।
मामला संज्ञान में आने पर ग्रामीणों ने गलत रिपोर्ट की शिकायत केराकत एसडीएम से की, तो उन्होंने लेखपाल को जांच का निर्देश दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि लेखपाल आमीन खां ने पक्ष में रिपोर्ट लगाने के लिए रिश्वत की मांग की। चार बार में 500-500 रुपये दिए गए, बावजूद वह 18 हजार रुपये और मांग रहा था।
थकहार कर गांव के शंकर मौर्य ने एंटी करप्शन इकाई वाराणसी को सूचना दी। गुरुवार की शाम एंटी करप्शन इकाई के इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह यादव, संतोष दीक्षित और विनोद यादव के नेतृत्व में टीम जलालपुर पहुंची। ग्रामीणों से मिलकर पूरे मामले की जानकारी ली। टीम ने उन्हें दो-दो हजार के पांच और पांच सौ के 16 नोट दिए। सभी नोट पर केमिकल लगा था।
ग्रामीणों ने रुपये देने के लिए लेखपाल से संपर्क किया तो उसने खुद को छातीडीह गांव में होना बताया। ग्रामीणों ने वहां पहुंचकर जैसे ही लेखपाल को रुपये थमाए, एंटी करप्शन टीम ने उसे दबोच लिया। उसका हाथ पानी से धुलवाया तो नोट पर लगे केमिकल के चलते हाथ लाल हो गया।
आरोपी लेखपाल का कहना था कि रिश्वत नहीं मांगी गई थी। ग्रामीण जबरन मेरे जेब में पैसा डाल रहे थे। पैसा लौटा रहा था, तभी टीम पहुंच गई।
टीम के प्रभारी उपेंद्र सिंह यादव ने बताया कि आरोपी लेखपाल आमीन खां निवासी बीजलपुर थाना शादाबाद जिला हाथरस के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया जा रहा है। मामले की सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। उधर, एसडीएम चंद्रप्रकाश पाठक का कहना था कि घटना की जानकारी मिली है। इसकी रिपोर्ट मंगाई गई है। उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
0 Comments
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from Kvs24News and more news in Hindi.